डिजिटल इंडिया : अध्याय 2

आगे इसी क्रम में भारत सरकार ने 1 जुलाई 2015 को डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की, उसके तहत शासन की नीतियों का लाभ सर्वसुलभ बनाने सम्बंधी ई-गवर्नेन्स की संकल्पना पर विशेष ध्यान दिया गया। भारत के आईटी पेशेवरों ने अपनी क्षमता का लोहा विश्व में पहले ही मनवाया है, अब जरूरत थी कि इसका प्रयोग कर भारत भी लाभ उठाये, अत: डिजिटल इंडिया अभियान प्रारम्भ किया गया।

सूचना के हाई-वे पर नयी स्पीड और आकाश में नयी उड़ान से देश की तरक्की को रफ्तार देने के लिए ’डिजिटल इंडिया पहल’ बहु‌आयामी संकल्पना है। शिक्षा के रूप में टेली एजुकेशन, स्वास्थ्य के क्षेत्र में टेली मेडिसीन व सर्जरी जैसी सुविधाओं को तेज करने में इसका योगदान हो सकता है। बड़ी उत्पादक जनसंख्या वाला भारत, इसका समुचित प्रयोग विकास में तभी कर सकता है जब उस वर्ग को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं बेहतर, स्वास्थ सेवायें उपलब्ध हों और उनकी पहुंच देश के हर कोने में हो। इसके साथ-साथ डिजिटल क्रांति विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार एवं व्यवसाय के नए अवसर भी उपलब्ध करायेगी।

कुछ साल पहले 1 अक्टूबर, 2022 को 5G सेवा की शुरुआत शुरू हुई, भारत सरकार का ये कदम आज भी देश के डिजिटल रूपान्तरण को गति प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। डिजिटल अव‌संरचना के विकास (ब्राडबैंड की उपलब्धता, इंटरनेट के अन्य संसाधन), डिजिटल साक्षारता एवं डिजिटल पहचान पत्र आदि के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्रारम्भ डिजिटल इंडिया अभियान धीरे-धीर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। आज सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक हर क्षेत्र डिजिटल इंडिया के प्रभाव से परिवर्तित हुआ है। कृषि क्षेत्र में नए किसान मोवाईल एप (एम-किसान, हरियाली) से लेकर उद्यमियों के लिए चैंपियन्स पोर्टल तक इसने लोगों को डिजिटल तंत्र से जोड़ा है। पीआईबी के अनुसार मार्च 2014 में मोबाइल सहित इंटरनेट तक केवल 25 करोड़ लोगों तक पहुंच थी जो दिसंबर 2022 तक यह लगभग 87 करोड़ हो गई है। वही ट्राई ( टी.आर.ए.आई.- टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के अनुसार दिसंबर 2023 में भारत में 83.18 करोड़ सक्रिय मोबाइल इंटरनेट ग्राहक थे। इस अनुमान के आधार पर यह उम्मीद की जा सकती है कि साल 2024 के अंत तक भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 90 करोड़ तक पहुंच जाएगी।

दूसरी और सरकार ने डिजिटल तंत्र से लोगों को और जोड़ने के लिए नई दूरसंचार नीति भी अपनायी, जिसमें एक प्रमुख घटक ग्रामीण क्षेत्रो में इंटरनेट की पहुंच सुनिश्चित करने हेतु भारत- नेट ब्रॉडबैंड निगम लिमिटेड के सहयोग से 2.5 लाख ग्राम पंचायतो तक इंटरनेट उपलब्धता का कार्य 2022 तक सम्पन्न करना था। इसके साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में कॉमन सर्विस सेंटर ने भी ई. गवर्नेन्स से लोगों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जन्म-मृत्यु पंजीकरण से लेकर बीमा व बेकिंग सेवाओं, अन्य कार्यालीय कार्य अब आसानी से इन केंद्रों (सी.एस.सी.) से हो जाता है।

( आगे जारी ...)

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Ashutosh Chaubey

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