गगनयान मिशन का पहला टेस्ट हुआ सफल, फोटो स्रोत : द हिंदू
रविवार को गगनयान के पहले टेस्ट ह्विकल एबार्ट मिशन 1 के लॉन्च होने पर इसरो को बड़ी सफलता मिली। तय समय पर तकनीकी खराबी के कारण 2 घंटे के लिए इसे टालना पड़ा। हालांकि बाद में उस खराबी को दूर कर गगनयान को टेस्ट के लिए लॉन्च किया गया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भर कुछ देर बाद क्रू मॉड्यूल ने पूर्व निर्धारित रणनीति के अनुसार बंगाल की खाड़ी में लैंडिंग की। इस छोटे टेस्ट उड़ान को गंभीर परिस्थिति में संभावित रूप से भेजे जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को वापस धरती पर कैसे लाया जाएगा,यह सुनिश्चित करने के लिए की गई थी। इसके बाद भी गगनयान का दो और परीक्षण किया जाएगा उसके बाद ही गगनयान अंतरिक्ष यात्री के साथ अपनी उड़ान के लिए तैयार हो पाएगा। बता दें भारत का गगनयान मिशन साल 2025 के लिए तैयार किया जा रहा है.
इसरो ने अपने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) हैंडल के माध्यम से गगनयान के सफल टेस्ट के बारे में जानकारी दी।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि टीवी-डीवी 1 (क्रू मॉड्यूल) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है।” उन्होंने इस सफलता के इसरो की पूरी टीम को बधाई दी।
#WATCH गगनयान (टीवी-डी-1) टेस्ट मिशन: क्रू एस्केप मॉड्यूल की सफल लैंडिंग के बाद ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ ने वैज्ञानिकों को बधाई दी। pic.twitter.com/yiIzNOunuq
गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है इस मिशन का उद्देश्य तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है। इस मिशन को अगले साल 2025 में की शुरुआत तक भेजा जाएगा। सबसे खास बात यह है कि इसमें एक व्योममित्र नाम का रोबोट भी भेजा जाएगा। गगनयान की सफलता के बाद भारत उन देशों की एक सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने अब तक खुद चालक दल अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है। बता दें अभी तक ऐसा मुकाम हासिल करने वाला देश अमेरिका, रूस और चीन हैं।
अंतरिक्ष में भारत का इतिहास-
कैप्टन राकेश शर्मा अंतरिक्ष मे जाने वाले भारत के पहले व्यक्ति हैं। जो साल 1984 में इसरो और रूस के अंतरिक्ष अभियान के अंतर्गत अंतरिक्ष में गए थे। वहीं कल्पना चावला अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जरिए अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला हैं।
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