मरणोपरांत जीना महसा अमीनी को यूरोपीयन संघ की ओर से मानवाधिकार के शीर्ष पुरस्कार से किया गया सम्मानित
24 Oct, 2023
हाल ही में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए मरणोपरांत जीना महसा अमीनी को यूरोपियन संघ की ओर से मानवाधिकार के शीर्ष सखारोव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। महज 22 साल की जीना महसा अमिनी की पिछले साल ईरान की धार्मिक पुलिस की हिरासत में मृत्यु हो गई थी। बता दें ईरान के तय ड्रेस कोड के अनुसार उन पर हिजाब न पहनने का आरोप था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और कुछ दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई। महसा की मृत्यु के बाद कई महीनों तक देश में जबर्दस्त हिंसा और सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए थे।
जीना महसा अमीनी, फोटो स्रोत: 𝒏𝒐𝒗𝒂𝒓𝒂 𝒎𝒆𝒅𝒊𝒂
कौन है जीना महसा अमीनी?
जीना महसा अमीनी एक ईरानी नागरिक थी, जिनकी पिछले साल ईरान के एक अस्पताल में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। ईरान सरकार की नैतिकता पुलिस ने तय सरकारी मानकों के अनुसार हिजाब नहीं पहनने के आरोप में अमिनी को गिरफ्तार कर लिया था। एक ईरानी अधिकारियों के मुताबिक़ पुलिस स्टेशन में अमीनी को दिल का दौरा पड़ा और वह बेहोश हो गई जिसके बाद अस्पताल में स्थानांतरित होने से पहले ही वह कोमा में चली गई। हालांकि, अमिनी के साथ हिरासत में रखी गई महिलाओं ने बताया कि उसे गंभीर रूप से पीटा गया और उसके बाद ही उसकी मृत्यु हो गई थी।
सखारोव पुरस्कार क्या है?
यह पुरस्कार यूरोपीय संसद द्वारा व्यक्तियों और समूहों को विचारों की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रदान किया जाता है। सखारोव पुरस्कार के साथ 50,000 यूरो भी दिया जाता है। इस पुरस्कार का नाम सोवियत भौतिक विज्ञानी और साल 1975 में नोबेल शांति पुरस्कार सम्मानित आंद्रेई सखारोव के नाम पर रखा गया है ।
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